दिल की राह में अश्क पड़ाव बन गए दिल की राह में अश्क पड़ाव बन गए
बुढ़ापा का सहारा और लाठी है मेरी बिटिया। बुढ़ापा का सहारा और लाठी है मेरी बिटिया।
तेरा वो बेपनाह प्यार किसी और के लिए, सहा नहीं जाता, हमें तुमसे कितनी मुहब्बत है, कहा नहीं जाता, तेरा वो बेपनाह प्यार किसी और के लिए, सहा नहीं जाता, हमें तुमसे कितनी मुहब्बत है...
तू सिखाती रही, मैं भूलता रहा, नतीजे, दगा मिले बहुत और तुझसे सजा भी मिले। तू सिखाती रही, मैं भूलता रहा, नतीजे, दगा मिले बहुत और तुझसे सजा भी मिले।
यही बातें मरहम लगाती है नसीब साथ उसका ही देता है, जाे बिना झिझक बात कह देता है यही बातें मरहम लगाती है नसीब साथ उसका ही देता है, जाे बिना झिझक बात कह देता है
आओ फिर आदर्शवादी स्वरूप की श्रृंखला से जुड़ जाएं, लौकाचारी निर्मित करके एक नई कहान आओ फिर आदर्शवादी स्वरूप की श्रृंखला से जुड़ जाएं, लौकाचारी निर्मित करके...